पहले ऐसे ही विचारी होंगी संभावनाएँ निहारे होंगे नभों के शून्य आँखें सिकोड़कर झांकी होंगी अनंत गहराइयाँ अंदर और बाहर बार-बार भटक कर खोजी होंगी दिशाएँ...
Continue reading...Udeesha Tiwari
अर्धविराम के आगे
उस अर्धविराम के पास बैठा मेरा जीवन, व्याकुल सा, कभी मेरा चहरा, कभी कलम की नोक तकता है मैं, न जाने कब से, उसे, एक सोच...
Continue reading...From Kamayani to Kaliyug
Have you read Kamayani? Kamayani is the story of the first man and woman in the history of mankind (according to hindu texts) — Manu and...
Continue reading...We Have Failed
We were taught that India’s idea was a “mixed economy” which refers to a system where state and private sector goes hand in hand. I am...
Continue reading...सुष्मा स्वराज के लिए…
10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन,भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्रों ने कार्यक्रम की प्रबंधन समितियों में सहायकों की भूमिका निभाई थी| मुझे भी...
Continue reading...पहाड़ों, किताबों और दिल में ज़्यादा अंतर कहाँ है?
पहाड़ों में आवाज़ें महफ़ूज़ रहती हैं और आवाज़ों के साथ शब्द भी जैसे कविताएँ-कहानियाँ किताबों में महफ़ूज़ रहती हैं| पहाड़ों, किताबों और दिल में ज़्यादा अंतर...
Continue reading...अब तो आओगे न यहाँ?
कैसे सुना पाऊँगी कि यहाँ सुबह कैसी होती है? कैसे बता पाऊँगी कि हर महीने ये पहाड़ रंग कैसे बदलते हैं, कि पतझड़ यहाँ बसंत बीत...
Continue reading...नया प्रेम सीख रहा है
“तुम मेरे शिव के वैरागी जीवन की वह उमा हो जिसे वह तब तक नहीं पा सकता जब तक दोनों का तप पूर्ण ना हो जाए|...
Continue reading...रंगों की भी है दुनिया
सुफ़ैद और सियाह में रंगीं ये गोल दुनिया साँकलों से जकड़ी बक्से सी बन्द दुनिया क्यों नहीं बगावत ये रंग छेड़ देते? दम घोटती रही थी...
Continue reading...The “Obscene” Photograph
A take on the Bangladeshi Photograph controversy and an analysis of the cause and effects of disagreement amongst generations.
Continue reading...विद्या कसम!
लिखने को कुछ है तो नहीं पर लेखक बनने की इच्छा है तो लिखते रहना चाहिए, यही अपेक्षित भी है मुझसे और ज़रूरी भी| क्या करें...
Continue reading...क्या मुझमें भी भार है
तुम्हारी ऊबड़-खाबड़ चट्टानों पर गिर-फिसल कर, लांग-फलांग कर रोज मन के सहारे सबसे ऊँची चट्टान पर सूरज को हाथ हिलाकर अलविदा कहने जाती हूँ | सूरज...
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